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बॉडी के कुछ पार्ट्स से पता करे डायबिटीज के संकेत, ध्यान देना जरुरी वरना पढ़ सकता है भारी


बॉडी के कुछ पार्ट्स से पता करे डायबिटीज के संकेत, ध्यान देना जरुरी वरना पढ़ सकता है भारी, डायबिटीज का प्रसार आजकल एक जागरूकता के रूप में फैल रहा है, चाहे कोई बुजुर्ग हो या युवा, और यह समस्या बच्चों में भी दिखाई दे रही है. आधुनिकी के समय में, दुनिया भर में करोड़ों लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं. इसके कारण, बीमारी ने विश्वभर में एक आपदा के रूप में बढ़ चढ़ कर ली है.

डायबिटीज से सावधान

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विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक, खराब आहार और अल्प शारीरिक गतिविधि की गलत आदतों के कारण टाइप-2 डायबिटीज की प्रमुख वजह बन रही है. कई शोधों ने दर्शाया है कि टाइप-2 डायबिटीज के होने पर इसके प्रभाव केवल शरीर के उपांगों पर ही सीमित नहीं रहते, बल्कि यह अन्य जीवन क्षेत्रों पर भी प्रभाव डाल सकता है. इसलिए, समय पर डायबिटीज के लक्षणों का ध्यान देना और उपयुक्त जीवनशैली में परिवर्तन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय तक इस बीमारी का कोई स्पष्ट इलाज नहीं है। डायबिटीज के रोगियों के लिए विशेष सावधानी बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इसके लक्षणों के तुरंत पहचान करना और उनका संगठन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही, रक्त शुगर को नियंत्रित रखना भी अत्यंत आवश्यक होता है, अन्यथा यह समस्या शरीर के अन्य अंगों को प्रभावित कर सकती है, जिससे जीवन खतरे में आ सकता है।

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किडनी का जोखिम

डायबिटिक रोगियों के लिए किडनी को हेल्दी रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि डायबिटीज के कई मामलों में किडनी की स्वास्थ्य बिगड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। यूरोलॉजी और यूरो-ऑन्कोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर सुमित शर्मा के अनुसार, डायबिटिक रोगियों के कई मामलों में किडनी की स्वास्थ्य प्रशंसा करने लगती है, और इसका पूर्ण नियंत्रण करना बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, व्यक्तिगत यूरिन के बार-बार आना, टखनों में सूजन, और किडनी की स्वास्थ्य को बचाने के लिए कोलेस्ट्रॉल के स्तर की निगरानी करना महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने का प्रयास करना और नमक की मात्रा को सीमित करना भी महत्वपूर्ण है।

आंखो पर डायबिटीज का असर

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आँखों की रोशनी पर भी डायबिटीज का प्रभाव पड़ सकता है। अगर ब्लड शुगर कंट्रोल नहीं होता है, तो यह आंखों के रक्त परिसंचरण को कम कर सकता है और रेटिना तक पहुंचने वाले शिराओं को हानि पहुंचा सकता है, जिससे रेटिनोपैथी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, यदि आपको आंखों से संबंधित कोई समस्या जैसे कि धुंधलापन महसूस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करके डायबिटीज की जांच करवानी चाहिए और नियमित रूप से आंखों का जांच करवाते रहना चाहिए।

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दिल की बीमारियों का जोखिम

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डायबिटीज के कारण वजन बढ़ सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर और अच्छे कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी बढ़ सकती है, जिससे आपके दिल के स्वास्थ्य को भी प्रभाव पड़ सकता है। इसका तात्पर्य है कि अगर आपका वजन बढ़ जाता है, तो यह ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल की स्तर में वृद्धि के साथ आपके दिल के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। कोलेस्ट्रॉल की स्तर में बढ़ोतरी बढ़ने के साथ, आपके हृदय के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आपके दिल के रोग के जोखिम में वृद्धि हो सकती है।

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ध्यान दे

इन लक्षणों पर ध्यान देने के लिए, डायबिटीज के प्रारंभिक चरण में होने वाले हाथ-पैर में असहमति, छुआछूत, मसूढ़़ों से रक्तस्राव, मुँह का बदबू, घावों की बीमारी, दांतों के हिलना, और बार-बार मूत्र समस्या (खासतर से रात के समय) जैसे लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।


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