पेड़ो को तेज़ धुप से बचने के लिए किसान के किया गजब का देसी जुगाड़, शोशल मिडिया पर हो रही है चर्चा, महाराष्ट्र के बागवानी किसान इन दिनों मुश्किलात में हैं, क्योंकि बढ़ते हुए तापमान के कारण उनके फलों पर बीमारी और कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है।
साड़ियों का उपयोग
मालेगांव में तापमान की वृद्धि से किसान अपने फलों के बागों को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न उपायों पर काम कर रहे हैं। जिले में लू का प्रकोप भी है, और इसका असर रबी सीजन के मुख्य फसलों के साथ-साथ फलों पर भी दिखाई दे रहा है। आनर (Pomegranate) के बागों पर भी बढ़ते हुए तापमान का प्रभाव हो रहा है। इस संकट के समय, किसान अपने बागों को बचाने के लिए देशी तरीकों का सहारा ले रहे हैं। मालेगांव के एक किसान, सुरेश निकम ने 1 एकड़ में 300 से अधिक अनार के पेड़ लगाए हैं और बढ़ते हुए तापमान से बचाव के लिए साड़ियों का उपयोग किया है।
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बाग खतरे में, किया उपाय
साड़ी से पूरे बाग को ढक दिया है ताकि धूप से पेड़ सुरक्षित रहें। इस विचार पर जिले भर में चर्चा हो रही है। जलवायु परिवर्तन से अनार के बागों को सबसे अधिक नुकसान पहुंच रहा है, और इसके परिणामस्वरूप पिनहोल बोरर का प्रकोप बढ़ रहा है, जिसके बाद किसानों के पास अपने बगीचों को काटकर फेंकने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता। किसानों का कहना है कि बढ़ते हुए तापमान से अब अनार के बाग खतरे में हैं। कीट से निपटने के लिए कृषि विभाग किसानों की सहायता कर रहा है।
गजब का देसी जुगाड़

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एक मालेगांव जिले के किसान, सुरेश निकम ने अपने 1 एकड़ भूमि में 300 से अधिक अनार के पेड़ लगाए हैं और बढ़ते हुए तापमान और सुरज की किरणों से पेड़ों को बचाने के लिए वे स्थानीय बाजार से पुरानी साड़ियों का खरीद रहे हैं। वे साड़ी से 300 पेड़ों को ढक दिए हैं और इस काम में उन्होंने कुल 5000 रुपए खर्च किए हैंl लेकिन इस प्रयास से उनके बाग सुरक्षित हो गए हैं।
तेज़ धुप से किया बचाओ

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किसान कहते हैं कि इस देसी उपाय से तेज धूप से फलों की सुरक्षा संभव हो जाएगी, और इसलिए वे उसे अपना रहे हैं। यह जुगाड़ सर्वभर में चर्चा का विषय बन चुका है और किसानों के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प प्रतित हो रहा है।सम्पूर्ण जिले के किसान इस देसी जुगाड़ की सराहना कर रहे हैं। कुछ और गांव के किसान भी इसी तरह के उपाय का उपयोग कर रहे हैं। किसान सुरेश निकम का कहना है कि उनके पास कम स्थान था, इसलिए उन्होंने इस प्रकार की योजना बनाई। इस समय, बढ़ते हुए तापमान से अपनी फसलों की सुरक्षा करना महत्वपूर्ण है। किसानों को विश्वास है कि कम लागत और देशी उपाय से गर्मियों में फलों की सुरक्षा संभव है।