जानिए कैसे होती है सोरायसिस नामक बीमारी, लक्षण है बड़े खतरनाक, उपाय जान लेना जरुरी, प्सोरियसिस एवं वायु प्रदूषण: देश की राजधानी दिल्ली सहित आसपास के कई क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की वृद्धि का सामर्थ्य हो रहा है। दिल्ली में एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूची) की वृद्धि के कारण, मंगलवार को कई तरह की बीमारियाँ भी फैल रही हैं, जिनमें त्वचा संबंधित रोगों के मामले में वृद्धि दर्ज की जा रही है। सोरायसिस भी एक त्वचा रोग है। इसके उपाधि, लक्षण और रोकथाम के बारे में थोड़ी और जानकारी हासिल करने का प्रयास करते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी

सोरायसिस, दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों के अनुसार, त्वचा का एक विशेष रूप है। इसकी विशेषता सर्दियों के मौसम में अधिक होती है, लेकिन इसकी असरकारकता निर्भर करती है। यह एक जीवनशैली रोग हो सकता है, और यह आपके जीनेटिक लक्षणों के आधार पर भी हो सकता है। धूम्रपान, शराब का सेवन और मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों के लिए सोरायसिस का खतरा अधिक हो सकता है। यहां तक कि सोरायसिस कोई गंभीर बीमारी नहीं है, और सही समय पर उसकी पहचान कर उपचार किया जा सकता है।
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त्वचा का बिगड़ना
डॉक्टर कौशल के अनुसार, वायु प्रदूषण एक सोरायसिस के बढ़ने का एक संभावित कारण हो सकता है, इसलिए इस बीमारी के मरीजों को प्रदूषण से बचाव का ध्यान रखना चाहिए। अगर मरीजों के शरीर पर लाल दाने निकलने, या त्वचा पर पपड़ी की तरह कोई समस्या हो रही है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। प्सोरियसिस के मामले में, त्वचा की किसी भी समस्या पर आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। सोरायसिस रोगी को ध्यान में रखना चाहिए कि वह खुद से दवा का इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह रोग दीर्घकालिक हो सकता है और इसका उपचार सावधानी से करना चाहिए।
हो सकता है मानसिक तनाव इसका मुख्य कारन

एम्स के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. संजय खंडपुर बताते हैं कि प्सोरियसिस एक दीर्घकालिक बीमारी हो सकती है, जो शरीर के अंदर से आती है। कुछ मामलों में यह बीमारी जेनेटिक कारणों से हो सकती है, और मानसिक तनाव भी इसका कारण हो सकता है। प्सोरियसिस के मरीजों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार की दवा खुद से लेने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है
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बीमारी को लेकर गलत धारणा
सोरायसिस के बारे में लोगो को बहुत सी बाटे गलत पता है या उनकी धारणाये गलत है उन्हें लगता है की यह बीमारी चुने से फेल सकती है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है. इसलिए अगर किसी व्यक्ति को ये डिजीज है तो वह इसको संक्रामक न समझें और लक्षण दिखने पर इलाज कराएं. सबसे ज्यादा ध्यान खान पैन पर रखने की जरुरत है ऐसा इसलिए क्योंकि खानपान अच्छा होगा तो लिवर फिट रहेगा और और जब आपका लिवर फिट रहेंगे तो सोरायसिस नामक बीमारी अपने आप ठीक हो जायेगे
क्या हैं सोरायसिस के लक्षण

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शरीर पर चकत्ते हो जाना
शरीर में लाल-लाल धब्बे
त्वचा पर पपड़ी जमना
शरीर पर खुजली होना