इन 3 देशो में बड़े ही अलग तरीके से मनाई जाती है दिवाली, जानिए क्या है अनोखा तरीका, दिवाली 2023: इस वर्ष दिवाली का त्योहार 12 नवंबर को रविवार को मनाया जाएगा। इसलिए, कई दिन पूर्व से ही इस महत्वपूर्ण त्योहार की तैयारियां आरंभ हो जाती हैं। वांछित रूप में, दिवाली का त्योहार पूरे विश्व में मनाया जाता है, लेकिन दुनिया के तीन ऐसे देश हैं, जहां दिवाली का त्योहार अत्यधिक अद्वितीय ढंग से मनाया जाता है।
दिवाली की महत्वपूर्ण जानकारी

दिवाली का उत्सव भारत का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। वर्षभर लोग इस त्योहार की आगमन की बेताबी से प्रतीक्षा करते हैं। इस दिन, भगवान राम अयोध्या वापस लौटे थे और उनके आगमन के समर्थन में लोग दीपमाला जलाते हैं। पूरे भारत में, विशेषकर अयोध्या में, दिवाली का दृश्य अपनी अलग पहचान रखता है। यहां लाखों दिये एक साथ जगमगाते हैं।
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दिवाली है जित का प्रतिक
दिवाली के उत्सव को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानते हैं, लेकिन दिवाली का उत्सव न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में उत्सव के साथ मनाया जाता है। चलिए, हम आपको वो देशों के बारे में बताते हैं, जहां दिवाली का त्योहार विशेष तरीके से मनाया जाता है।
जापान

जापान में दिवाली को अत्यधिक विशेष तरीके से मनाया जाता है। यह आपके लिए हैरानीजनक हो सकता है कि यहां लोग बगीचों में जाकर दिवाली के उत्सव का आयोजन करते हैं। यहां पर दीपकों की बजाय लोग रंगीन लालटेन का उपयोग करते हैं, और पेड़ों को सजाते हैं। जापान के लोगों का मानना है कि इससे घर में सुख, समृद्धि, और प्रगति की समृद्धि होती है। दिवाली के दिन, यहां लोग रात-भर नृत्य करते हैं और उत्सव का आनंद लेते हैं।
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मलेशिया
मलेशिया में दिवाली को “हरि दिवाली” के नाम से जाना जाता है। मलेशिया में भी लोग दिवाली का उत्सव अत्यधिक धूमधाम से मनाते हैं, हालांकि यह त्योहार मुख्य रूप से हिन्दू समुदाय द्वारा मनाया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, मलेशिया की कुल जनसंख्या लगभग 3.5 करोड़ है, और इसमें हिन्दू आबादी की अनुमानित संख्या लगभग 21 लाख है। यहां लोग अपने घरों के बाहर कैंडल और दियों को जलाते हैं। मलेशिया में, लोग दिवाली के दिन अपने शरीर पर तेल लगाकर स्नान करते है
श्रीलंका

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श्रीलंका का जो नाम है यह रामायण कल से जुड़ा हुआ है. श्रीलंका में भी बड़ी संख्या में हिन्दू लोग रहते हैं, वह के लोग ने दीपावली को दूसरा नाम दिया है वह पर दिवाली को लैम क्रियॉन्ग से जाना जाता है यह दिवाली एन्जॉय करने का जो तारिक है वो काफी अलग है, लोग लैंपों में मोमबत्तियां, एक सिक्का और धूप रखते हैं और फिर इसे नदी में प्रवाहित कर देते हैं।